MERA DESH

लोग मेरे पास आने से डरते अहिं क्योंकि वे कहते हैं  की में एक चोर हूँ
क्या करूँ में भी इस राह में मजबूर हूँ
चुरा लेता हूँ में लोगो की मुस्कराहट और बाँट देता हूँ जहाँ नहीं है इसकी आहट

में तो इस राह में मगरूर हूँ
देश के लिए फिर भी मजबूर हूँ

में तो देश के लिए जीता मरता  हूँ आप ही बताओ में क्या गलत करता हूँ

अरे में तो कहता हूँ आप सब भी इस कम में हाँथ दो
और इस मुस्कराहट को पुरे कश्मीर में बाँट दो





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Sunday, February 13, 2011

MERA DESH

लोग मेरे पास आने से डरते अहिं क्योंकि वे कहते हैं  की में एक चोर हूँ
क्या करूँ में भी इस राह में मजबूर हूँ
चुरा लेता हूँ में लोगो की मुस्कराहट और बाँट देता हूँ जहाँ नहीं है इसकी आहट

में तो इस राह में मगरूर हूँ
देश के लिए फिर भी मजबूर हूँ

में तो देश के लिए जीता मरता  हूँ आप ही बताओ में क्या गलत करता हूँ

अरे में तो कहता हूँ आप सब भी इस कम में हाँथ दो
और इस मुस्कराहट को पुरे कश्मीर में बाँट दो





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